लेकिन जब तक हमारी सरकार एस बारे में गंभीर रूप से नही सोचेगी तब तक बाल
मजदूरी इसी प्रकार चलती रहेगी | बाल मजदूरी हो अगर ख़त्म करना है तो जाती
, धर्म और आरक्षण जैसी चीजो को दूर रखना होगा | केयोकी गरीब की कोई जाति
या धर्म नही होता | कुछ बिन्दुओ पर प्रकाश डाल रहा हूँ जिसको मैंने अपने
प्रकाशित उपन्याश "भारत/INDIA"में भी विस्तार से लिखा है |
१-भारत सरकार को एक "शिक्षा आयोग " बनाना चाहिए जो पूर्णतया माननीय
महामहिम रास्ट्र्पति जी के आधीन हो |
२-आयोग की जिम्मेदारी १-१२ कक्षा के बच्चो तक की निशुल्क शिक्षा की
जिम्मेदारी हो और इसके लिए भारत के सभी नागरिको पर "Education Tex"
लगना चाहिए |
३-भारत के सभी नागरिको के लिए १-१२ तक की शिक्षा भारत में ही होनी चाहिए
| अन्यथा उसे भारतीय नागरिकता से वंचित रखना चाहिए |
४-सभी विषयों के अलावा हिन्दी और इंग्लिश मुख्या भाषा के रूप में जरूरी
होनी चाहिए और एक वैकल्पिक भाषा के रूप में प्रादेशिक भाषा भी होनी चाहिए
|
आपका
विजयराज चौहान (गजब)
http://hindibharat.wordpress.com/
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http://groups.google.co.in/group/hindi-bharat?hl=en
On 9/2/08, Mahesh <vermam...@gmail.com> wrote:
> बाल शिक्षा बनाम बाल मजदूरी
> http://popularindia.blogspot.com/2008/09/blog-post.html
>
> आज सरकार शिक्षा पर जोर दे रही है तथा तरह-तरह के योजनाएं चला रही हैं।
> पर उस सरकार को क्या यह वास्तविकता मालूम है कि उनके योजनाओं का कितना
> लाभ बच्चों को मिल रहा है। सरकार को यह नहीं मालूम है कि उनके द्वारा
> लागु किए गए दोपहर के भोजन का कार्यक्रम की सारी रकम व अनाज स्कूल के
> शिक्षकों द्वारा चट कर दिए जाते हैं और बच्चों को भोजन नहीं मिलता है और
> यदि कहीं कभी-कभी थोड़ा-बहुत मिल भी जाता है तो वह घटिया किस्म का ही रहता
विजयराज जी,
प्रतिक्रया व अपना विचार देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
इस मुद्दा का स्थाई समाधान होना जरुरी है। आरक्षण वगैरह जो समाज को कमजोर करती है उसे भी स्थाई रूप से समाप्त करना जरुरी है।
आपका
महेश
http://popularindia.blogspot.com