पूर्ण विराम के स्थान पर फुल स्टॉप (.) का प्रयोग

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Suyash Suprabh

unread,
Jun 15, 2008, 3:45:36 AM6/15/08
to हिंदी (Hindi)
आजकल पूर्ण विराम के स्थान पर फुल स्टॉप (.) का प्रयोग भी देखने में आता
है। मुझे यह प्रयोग अशुद्ध लगता है और मैं प्रूफरीडिंग करते समय इसके
स्थान पर पूर्ण विराम लगा देता हूँ। मगर मुझे ऐसे लोग भी मिले हैं जो फुल
स्टॉप (.) के प्रयोग को सही बताते हैं।

क्या आप भी यही मानते हैं कि पूर्ण विराम के स्थान पर फुल स्टॉप (.) का
प्रयोग करना चाहिए? यह सच है कि हिंदी पर अंग्रेज़ी का दबाव है, लेकिन
क्या हिंदी को पूरी तरह बदल डालना उचित है?

आपकी राय की प्रतीक्षा में,

सुयश

narayan prasad

unread,
Jun 15, 2008, 12:56:58 PM6/15/08
to hi...@googlegroups.com
कम से कम मैं तो पूर्ण विराम (।) के स्थान पर फ़ुल स्टॉप (.) का प्रयोग पसन्द नहीं करता और सदा पूर्ण विराम का ही प्रयोग करता हूँ । ऐसे फ़ुल स्टॉप (.) का प्रयोग केवल पत्रिकाओं में ही पाया जाता है जहाँ चन्द्रबिन्दु का भी परित्याग किया जाता है । 
 
--- नारायण प्रसाद

 
२००८-०६-१५ को, Suyash Suprabh <translate...@gmail.com> ने लिखा:

Rose Alford

unread,
Jun 15, 2008, 5:12:24 PM6/15/08
to hi...@googlegroups.com

"." is know as a "period" in English punctuation. 

 

Yes, the BBC Hindi only uses periods as well, isn't that a shame.

--- On Sun, 6/15/08, narayan prasad <hin...@gmail.com> wrote:

Vinay

unread,
Jun 15, 2008, 8:51:21 PM6/15/08
to हिंदी (Hindi)
मैं चंद्रबिंदु और पूर्णविराम के मुद्दों को अलग मानता हूँ. चंद्रबिंदु
की एक विशिष्ट ध्वनि है और उसकी जगह अनुस्वार का प्रयोग उच्चारण की
सटीकता दिखाने में नागरी की क्षमता को कमजोर करता है.

जबकि पूर्णविराम चिह्न महज सुविधा का मामला है. भाषा विशेष पर उसका कोई
प्रभाव नहीं पड़ता. वैसे भी हिंदी के कई विरामचिह्न (कौमा/अल्पविराम
समेत) अंग्रेज़ी से आए हैं, इसलिए मेरे विचार से "." (पीरियड/बिन्दु) या
"।" (डंडा) दोनों का प्रयोग उचित माना जाना चाहिए.

विनय

On Jun 15, 12:56 pm, "narayan prasad" <hin...@gmail.com> wrote:
> कम से कम मैं तो पूर्ण विराम (।) के स्थान पर फ़ुल स्टॉप (.) का प्रयोग पसन्द
> नहीं करता और सदा पूर्ण विराम का ही प्रयोग करता हूँ । ऐसे फ़ुल स्टॉप (.) का
> प्रयोग केवल पत्रिकाओं में ही पाया जाता है जहाँ चन्द्रबिन्दु का भी परित्याग
> किया जाता है ।
>
> --- नारायण प्रसाद
>
> २००८-०६-१५ को, Suyash Suprabh <translatedbysuy...@gmail.com> ने लिखा:

Anupam Kulshreshtha

unread,
Jun 15, 2008, 11:03:15 PM6/15/08
to hi...@googlegroups.com
मैं नहीं समझता कि हिन्दी पर अंग्रेजी़ का कोई दबाव है, और न ही पूर्ण
विराम के स्थान पर फुल स्टॉप (.) का प्रयोग हिंदी को किसी भी तरह बदल
पाने में सफल हो पायेगा. भाषा के प्रयोग में बदलाव गतिशीलता दर्शाते हैं
और स्वीकार भी होने चाहियें. अंग्रेजी भाषा में भी निरन्तर अन्य भाषाऒं
के शब्द अपनाये जाते रहे हैं।

पूर्णविराम चिह्न महज सुविधा का मामला है, भाषा पर उसका कोई प्रभाव नहीं
पड़ता. मैं विनय से सहमत हूं.

अनुपम

2008/6/16 Vinay <vinay...@gmail.com>:

--
Anupam Kulshreshtha

Anunad Singh

unread,
Jun 16, 2008, 12:31:36 AM6/16/08
to hi...@googlegroups.com
प्रश्न यह भी है कि पहले से प्रयोग हो रहे किसी प्रतीक को क्यों बदला जाय? हिन्दी में पूर्ण विराम के लिये खड़ी पाई या डण्डा प्रयुक्त होता आ रहा था। इसके स्थान पर 'पिरिअड' का प्रयोग को प्रगतिशील कदम या गतिशील कदम किस आधार पर कहा जा सकता है? रोमन के अल्फाबेट () के स्थान पर अ लिखने पर भी कोई अन्तर नहीं पड़ेगा; किन्तु क्या यह किया जाना चाहिये? या क्या यह कभी होगा?

हिन्दी में पूर्ण विराम के लिये खड़ी पाई का प्रयोग अधिक तर्कसंगत है। इसके कुछ कारण हैं:

१) खड़ी पाई, देवनागरी वर्णमाला का मूल आधार है। अधिकांश वर्ण इसी पर आधारित हैं।

२) पेरिअड के प्रयोग से नुक्ते का भ्रम हो सकता है।

३) छोटा होने के कारण पेरिअड 'न दिखने' की समस्या आ सकती है (विशेषकर जल्दी-जल्दी पढ़ते समय)। अंग्रेजी में इसी से निपटने के लिये शायद वाक्य के पहले शब्द के प्रथम अल्फाबेट को कैपिटल में लिखने की जरूरत अनुभव की गयी होगी। कहने की जरूरत नहीं कि हिन्दी में ऐसा करना सम्भव नहीं है।

४) हिन्दी में पारम्परिक रूप से डण्डा  पहले से प्रयुक्त होता आ रहा है।

५) पेरिअड का प्रयोग लघुरूप (जैसे बी. ए. ) आदि लिखने के लिये भी किया जाता है। वाक्य में इसे पूर्ण विराम समझने की गलती हो सकती है।


===================================================

२००८ जून १६ ०८:३३ को, Anupam Kulshreshtha <anu...@gmail.com> ने लिखा:

Anunad Singh

unread,
Jun 16, 2008, 12:44:56 AM6/16/08
to hi...@googlegroups.com
रोमन के अल्फाबेट () के स्थान पर अ लिखने पर भी कोई अन्तर नहीं पड़ेगा

इसको इस प्रकार पढ़ें:

रोमन के अल्फाबेट  A  के स्थान पर   'अ'  लिखने पर भी कोई अन्तर नहीं पड़ेगा



============================================================
२००८ जून १६ १०:०१ को, Anunad Singh <anu...@gmail.com> ने लिखा:

Hariram

unread,
Jun 16, 2008, 9:00:59 AM6/16/08
to हिंदी (Hindi)
अखबारों (बीबीसी, टाइम्स ग्रूप, सरिता-मुक्ता ग्रूप आदि) में पूर्णविराम
की जगह Fullstop का प्रयोग सिर्फ सुविधा और शीघ्रता की दृष्टि से किया
जाता है। क्योंकि कीबोर्ड लेआऊट में fullstop सामान्य की से टाइप हो जाता
है, किन्तु पूर्णविराम के लिए शिफ्ट की दबाए रखकर टाइप करना पड़ता है
(inscript में)। जिससे अतिरिक्त भार पड़ता है और कुछ मिलिसेकेण्ड की टंकण
गति कम होती है।

किन्तु Advanced कम्प्यूटिंग यथा NLP के प्रयोगों में यह गलत है और
अनेकानेक भयंकर समस्याओं को जन्म देता है---

यथा--

एक वाक्य का उदाहरण लें-

"Mr. A.B.Strong has paid a sum of Rs.5,678.50 by online payment
through hdfcbank.com.”

यहाँ dot (.) का प्रयोग अनेक अर्थों में हुआ है

"Mr. A. (abbreviation) B. (abbreviation) Strong has paid a sum of Rs.
(abbreviation) 5,678.(Decimal point)50 by online payment through
hdfcbank.(dot)com. (full stop)”

इससे शब्दबोध में काफी परेशानी होती है। और CAT(Computer Aided
Translation) हेतु वाक्यखण्ड बनाने के दौन गलत स्थान पर वाक्य विच्छेद हो
जाता है।

अंग्रेजी के फुलस्टॉप (.) period का प्रयोग अनेक अर्थों में होता है
(1) Fullstop या वाक्यान्त(U002E)
(2) संक्षिप्ति चिह्न abbreviation
(3) .(DOT) वेबसाइट पतों तथा ईमेल मे विशेष पहचान हेतु
(4) Math में multiply के लिए ( 2.2=4)
(5) Rs.1234.50 Decimal point के रूप में
(6) paragraph end के लिए
अन्य प्रयोग और भी हैं.... यथा dotted line के लिए......


अतः पूर्णविराम के स्थान पर फुलस्टॉप का प्रयोग करना सर्वथा गलत है...
-- अनजाने में भयंकर समस्या पैदा करना है
-- बेवकूफी है
-- तकनीकी रूप से अवैज्ञानिक है।


इसके विपरीत हिन्दी (देवनागरी) यूनीकोड में

(1) वाक्य-अन्त हेतु पूर्णविराम/दण्ड (। - U0964) निर्धारित है।

(2) पैराग्राफ-अन्त(छन्द) हेतु डबल-दण्ड (॥ - U0965) निर्धारित है,
जिसका सामान्यता कविता/पद्य में तुकबन्दी के अन्त में (पैरा के अन्त में
होता है।), किन्तु हरेक पैराग्राफ के अन्त में डबल दण्ड टाइप किया जाए तो
पाठ अधिक वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से परिशुद्ध होगा।

(3) संक्षिप्ति हेतु (॰ – U0966) को निर्धारित किया गया है। सामान्यतया
लोग गलती से फुलस्टाप का ही प्रयोग करते हैं, "ए.बी.सिंह" लिखना गलत है,
"ए॰बी॰सिंह" लिखना सही है।

(4) दशमलव चिह्न के लिए middle Dot (U00B7) का प्रयोग किया जाना चाहिए जो
Numeriacl Key pad में Del key के ऊपर है। जबकि Full stop के लिए सिर्फ
(U002E) कोड निर्धारित है।



अतः प्रचलित सामान्य अंग्रेजी से हिन्दी में मशीनी अनुवाद काफी कठिन हो
जाता है, जबकि हिन्दी से अंग्रेजी अनुवाद अपेक्षाकृत रूप से काफी सरल
होता है।

अतः लोगों को यह जानकारी देना बहुत जरूरी है कि अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर
आज हिन्दी पहुँच गई है। अतः प्रयोग में यथासम्भव सही वर्णों व चिह्नों का
प्रयोग करें।

कृपया इस सन्देश को जनहित में अन्य समूहों में भी प्रेषित करें।

--- हरिराम


On 16 जून, 05:51, Vinay <vinaypj...@gmail.com> wrote:

> जबकि पूर्णविराम चिह्न महज सुविधा का मामला है. भाषा विशेष पर उसका कोई
> प्रभाव नहीं पड़ता. वैसे भी हिंदी के कई विरामचिह्न (कौमा/अल्पविराम
> समेत) अंग्रेज़ी से आए हैं, इसलिए मेरे विचार से "." (पीरियड/बिन्दु) या
> "।" (डंडा) दोनों का प्रयोग उचित माना जाना चाहिए.
>
> विनय
>
> On Jun 15, 12:56 pm, "narayan prasad" <hin...@gmail.com> wrote:
>
>
>
> > कम से कम मैं तो पूर्ण विराम (।) के स्थान पर फ़ुल स्टॉप (.) का प्रयोग पसन्द
> > नहीं करता और सदा पूर्ण विराम का ही प्रयोग करता हूँ । ऐसे फ़ुल स्टॉप (.) का
> > प्रयोग केवल पत्रिकाओं में ही पाया जाता है जहाँ चन्द्रबिन्दु का भी परित्याग
> > किया जाता है ।
>
> > --- नारायण प्रसाद
>
> > २००८-०६-१५ को, Suyash Suprabh <translatedbysuy...@gmail.com> ने लिखा:
>
> > > आजकल पूर्ण विराम के स्थान पर फुल स्टॉप (.) का प्रयोग भी देखने में आता
> > > है। मुझे यह प्रयोग अशुद्ध लगता है और मैं प्रूफरीडिंग करते समय इसके
> > > स्थान पर पूर्ण विराम लगा देता हूँ। मगर मुझे ऐसे लोग भी मिले हैं जो फुल
> > > स्टॉप (.) के प्रयोग को सही बताते हैं।
>
> > > क्या आप भी यही मानते हैं कि पूर्ण विराम  के स्थान पर फुल स्टॉप (.) का
> > > प्रयोग करना चाहिए? यह सच है कि हिंदी पर अंग्रेज़ी का दबाव है, लेकिन
> > > क्या हिंदी को पूरी तरह बदल डालना उचित है?
>
> > > आपकी राय की प्रतीक्षा में,
>
> > > सुयश- उद्धृत पाठ छिपाएँ -
>
> उद्धृत पाठ दिखाए

Vinay

unread,
Jun 16, 2008, 5:48:16 PM6/16/08
to हिंदी (Hindi)

On Jun 16, 12:31 am, "Anunad Singh" <anu...@gmail.com> wrote:
> प्रश्न यह भी है कि पहले से प्रयोग हो रहे किसी प्रतीक को क्यों बदला जाय?
> हिन्दी में पूर्ण विराम के लिये खड़ी पाई या डण्डा प्रयुक्त होता आ रहा था। इसके
> स्थान पर 'पिरिअड' का प्रयोग को प्रगतिशील कदम या गतिशील कदम किस आधार पर कहा
> जा सकता है? रोमन के अल्फाबेट () के स्थान पर अ लिखने पर भी कोई अन्तर नहीं
> पड़ेगा; किन्तु क्या यह किया जाना चाहिये? या क्या यह कभी होगा?
>

फ़र्क बस यही है कि हिंदी में पीरियड का प्रयोग पहले ही होता है और
धड़ल्ले से होता है जबकि अंग्रेज़ी में A को अ लिखने के उदाहरण मुश्किल
से मिलेंगे. मैं नहीं मानता कि यह प्रगतिशीलता की निशानी है या इससे कोई
विशेष फ़ायदा है. जैसा मैंने पहले कहा कि यह बस सुविधा का मामला है. मुझे
निजी तौर पर दोनों चिह्नों से कोई आपत्ति नहीं है और सुविधानुसार
(टाइपिंग की) मैं दोनों का ही प्रयोग करता हूँ.

> हिन्दी में पूर्ण विराम के लिये खड़ी पाई का प्रयोग अधिक तर्कसंगत है। इसके कुछ
> कारण हैं:
>

आपके गिनाये कारणों में से कुछ मुझे जँचते हैं और उन आधारों पर खड़ी पाई
या डंडे की उपयोगिता अधिक नज़र आती है. पर समस्याएँ दोनों तरफ़ ही हैं.

> १) खड़ी पाई, देवनागरी वर्णमाला का मूल आधार है। अधिकांश वर्ण इसी पर आधारित
> हैं।
>
> २) पेरिअड के प्रयोग से नुक्ते का भ्रम हो सकता है।
>

डंडे के प्रयोग से आकार मात्रा का भ्रम भी हो सकता है, पर हम जानते हैं
कि दोनों ही मामलों में अधिकतर कोई ख़ास समस्या नहीं आती.

> ३) छोटा होने के कारण पेरिअड 'न दिखने' की समस्या आ सकती है (विशेषकर
> जल्दी-जल्दी पढ़ते समय)। अंग्रेजी में इसी से निपटने के लिये शायद वाक्य के पहले
> शब्द के प्रथम अल्फाबेट को कैपिटल में लिखने की जरूरत अनुभव की गयी होगी। कहने
> की जरूरत नहीं कि हिन्दी में ऐसा करना सम्भव नहीं है।
>

मेरे व्यक्तिगत अनुभव में ऐसा कभी हुआ नहीं.

> ४) हिन्दी में पारम्परिक रूप से डण्डा  पहले से प्रयुक्त होता आ रहा है।
>
> ५) पेरिअड का प्रयोग लघुरूप (जैसे बी. ए. ) आदि लिखने के लिये भी किया जाता है।
> वाक्य में इसे पूर्ण विराम समझने की गलती हो सकती है।
>

अंग्रेजी अक्षरों में भी यही बात है पर कभी कोई ख़ास समस्या तो नहीं आती.
वैसे भी, हिंदी में संक्षिप्तीकरण के लिए अलग चिह्न है - "॰" (यूनिकोड
0970), जोकि पीरियड (".") से यथोचित अलग दिखता है. अगर एक सा लगने के
भ्रम की गुंजाइश है तो क्यों न हिंदी में उसी का इस्तेमाल किया जाए (यथा
बी॰ ए॰).

कुल मिलाकर मैं मानता हूँ कि जहाँ तक हो खड़ी पाई का प्रयोग किया जाए पर
इस मामले में ज़बरदस्ती या आग्रह की कोई वजह मुझे नहीं दिखती.

--
विनय

> ===================================================
>
> २००८ जून १६ ०८:३३ को, Anupam Kulshreshtha <anup...@gmail.com> ने लिखा:
>
> > मैं नहीं समझता कि हिन्दी पर अंग्रेजी़ का कोई दबाव है, और न ही पूर्ण
> > विराम के स्थान पर फुल स्टॉप (.) का प्रयोग हिंदी को किसी भी तरह बदल
> > पाने में सफल हो पायेगा. भाषा के प्रयोग में बदलाव गतिशीलता दर्शाते हैं
> > और स्वीकार भी होने चाहियें. अंग्रेजी भाषा में भी निरन्तर अन्य भाषाऒं
> > के शब्द अपनाये जाते रहे हैं।
>
> > पूर्णविराम चिह्न महज सुविधा का मामला है, भाषा पर उसका कोई प्रभाव नहीं
> > पड़ता. मैं विनय से सहमत हूं.
>
> > अनुपम
>
> > 2008/6/16 Vinay <vinaypj...@gmail.com>:

pawan tiwari

unread,
Jun 17, 2008, 4:40:49 AM6/17/08
to hi...@googlegroups.com, suyash suprabh
poornaviram ke asthan par fulstop ka upyog galat hai. yeh hindi men suvidha tatha  faishan ke nam par thop diya gya hindi men poornviram hee sahi hai,fullstop nahin   pawan tiwari  dhanyavad   .

--- On Sun, 15/6/08, Suyash Suprabh <translate...@gmail.com> wrote:

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Vinay

unread,
Jun 17, 2008, 10:25:09 AM6/17/08
to हिंदी (Hindi)

On Jun 16, 9:00 am, Hariram <harira...@gmail.com> wrote:
> अखबारों (बीबीसी, टाइम्स ग्रूप, सरिता-मुक्ता ग्रूप आदि) में पूर्णविराम
> की जगह Fullstop का प्रयोग सिर्फ सुविधा और शीघ्रता की दृष्टि से किया
> जाता है। क्योंकि कीबोर्ड लेआऊट में fullstop सामान्य की से टाइप हो जाता
> है, किन्तु पूर्णविराम के लिए शिफ्ट की दबाए रखकर टाइप करना पड़ता है
> (inscript में)। जिससे अतिरिक्त भार पड़ता है और कुछ मिलिसेकेण्ड की टंकण
> गति कम होती है।
>
> किन्तु Advanced कम्प्यूटिंग यथा NLP के प्रयोगों में यह गलत है और
> अनेकानेक भयंकर समस्याओं को जन्म देता है---
>
> यथा--
>
> एक वाक्य का उदाहरण लें-
>
> "Mr. A.B.Strong has paid a sum of Rs.5,678.50 by online payment
> through hdfcbank.com.”
>
> यहाँ dot (.) का प्रयोग अनेक अर्थों में हुआ है
>
> "Mr. A. (abbreviation) B. (abbreviation) Strong has paid a sum of Rs.
> (abbreviation) 5,678.(Decimal point)50 by online payment through
> hdfcbank.(dot)com. (full stop)”
>
> इससे शब्दबोध में काफी परेशानी होती है। और CAT(Computer Aided
> Translation) हेतु वाक्यखण्ड बनाने के दौन गलत स्थान पर वाक्य विच्छेद हो
> जाता है।
>

खड़ी पाई के उपयोग के पक्ष में यह दलील शायद सबसे महत्त्वपूर्ण है.

प्रोग्रामिंग या कम्प्यूटर स्वचालन से जुड़े हुए मुद्दों के लिए डॉट या
पीरियड चिह्न (.) के मुक़ाबले पूर्णविराम चिह्न (।) का प्रयोग निस्संदेह
अधिक उपयोगी है. ऐसा नहीं कि डॉट के साथ वाक्य-विच्छेद का अनुमान नहीं
किया जा सकता (आख़िर अंग्रेज़ी में भी होता ही है) पर हिंदी के पास इसका
एक अलग चिह्न होने से इस तरह के स्वचालित भाषा विश्लेषण आसान हो जाते
हैं.

विनय
> > उद्धृत पाठ दिखाए- Hide quoted text -
>
> - Show quoted text -

Manoj Kumar Gupta

unread,
Jun 17, 2008, 11:41:18 AM6/17/08
to hi...@googlegroups.com
नमस्कार

कुछ दिनों पहले मैंने भी यही प्रश्न पूछा था और मुझे बताया गया था कि हिन्दी के अपने पन्चुएशन चिह्न तो हैं नहीं सिवाय पूर्ण विराम के। इस लिये पूर्ण विराम भी बाकी चिह्नों की तरह अंग्रेजी से ले लिया गया है। वैसे मेरा मानना है कि पूर्ण विराम तो देवनागरी का ही होना चाहिये।
सादर धन्यवाद
मनोज
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