तमिलनाडु में हिन्दी को बढ़त - हिन्दुस्तान

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अनुनाद

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Sep 30, 2007, 3:11:27 AM9/30/07
to Chithakar
(यह लेख हिन्दुस्तान से साभार लिया गया है)


तमिलनाडु में हिन्दी को बढ़त
उर्मिलेश
वेल्लोर, २९ सितंबर


नई सोच और तेज औद्योगिक विकास ने तमिलनाडु में भाषाई-संकीर्णता की
दीवारें तोड¸ दी हैं। जिस सूबे में एक समय हिन्दी के नाम से हंगामे होते
थे, बदलते वक्त ने वहां अब हिन्दी का मांग बढ़ा दी है।

देश में निजी क्षेत्र के शीर्ष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय- वी. आई. टी.,
वेल्लोर से इस वर्ष हिन्दी में दो महिला शोध छात्रों को पी एच.डी. की
उपाधि मिली है।

यह दोनों महिलाएं हैं-एन. लावणया और उमा बी.। इनके शोध-निदेशक डा.
जयचंद्रन वी. आई. टी. विश्वविद्यालय में हिन्दी के व्याखयाता हैं। मुग़य
रूप से टेक्नालाजी और बिजनेस मैनेजमेंट में अध्ययन-अध्यापन के लिए मशहूर
इस संस्थान में हिन्दी के अलावा जर्मन, फ़्रेंच और जापानी भाषाएं भी पढ़ाई
जा रही हैं।

अगले सत्र से यहां चीनी भाषा भी पढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही वी. आई. टी. चीन
के हेनान प्रांत की सरकार के सहयोग से चेन्नई में कन्फ्यूशियस संस्थान
खोलने जा रही है। यह संस्थान भाषा, संस्कृति और दर्शन के अध्ययन और शोध
पर केंद्रित होगा।

वी.आई.टी. के कुलाधिपति जी. विश्वनाथन ने प्रौद्योगिकी संस्थान में
विभिन्न भाषाओं के अध्ययन की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर कहा, प्
गलोबल-विलेज के दौर में हमे इंजीनियरों और बिजनेस-प्रबंधकों को उनके
तकनीकी और प्रोफेशनल नालेज के साथ भाषाओं के ज्ञान से भी लऐस करना होगा।
वी. आई. टी. में हम यही काम कर रहे हैं।

हमारे संस्थान से निकले छात्र विभिन्न भारतीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों
में काम करते हुए अनेक देशों में जा रहे हैं। ऐसे में उन्हें विभिन्न
भाषाओंं का ज्ञान भी जरूरी है। चेन्नई-बेंगलूर राष्ट्रीय राजमार्ग पर
वेल्लूर स्थित इस संस्थान में इस वक्त १२ हजार २२० छात्र टेक्नालाजी और
व्यापार-प्रबंधन की शिक्षा ले रहे हैं।

इनमें विदेशी छात्रों की सखया करीब ६०० है, जो ३० देशों से आए हैं। इनके
लिए कैम्पस में बाकायदा इंटरनेशनल हॉस्टल बने हैं। दिल्ली से गए
पत्रकारों के एक दल से बातचीत में श्री विश्वनाथन ने बताया कि अगले महीने
चीन के १५६ छात्र वी. आई. टी. आ रहे हैं।

इनके अध्ययन का वित्तीय-प्रबंधन चीन सरकार और उनके अभिभावकों ने संयुक्त
रूप से किया हñ। अमेरिका और यूरोप के देशों के मुकाबले भारत में हम
उन्हें सस्ती और बेहतर शिक्षा मुहैया कराने का वायदा किया है, इसीलिए
उन्होंने हमारे संस्थान को चुना है।

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